Yug Purush

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समुन्दर का शिकारी : सम्राट मार्टिन की सल्तनत(भाग - 17)



पैल्लोरा आइलैंड एक ऐसी जगह थी जहा पर ऊपरवाला कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहता है, पैल्लोरा मे शराब के कई अवैध अड्डे है लेकिन डेविल्स ट्राइंगल के नजदीक होने के कारन कभी किसी नें इस तरफ ज्यादा ध्यान नही दिया...पूरी दुनिया तो वैसे ही डेविल्स ट्राइंगल से खौफ खाती है. रॉन और आदित्य, पैल्लोरा आइलैंड के ऐसे ही एक शराबखाने मे थे.

"रॉन, अब तुम क्या करोगे.. उन सालो नें तुम्हे बेलाडोना से बेदखल कर दिया.. बन्दूक भी छीन ली.."

"और नक्शा भी..."

"नक्शा..?"

"इस वाले का ओरिजिनल..."अपने जेब से एक नक्शा निकालकर टेबल पर रखते हुए रॉन बोला "ये उसका कॉपी है.. असली वाला वही बेलाडोना मे मेरे कमरे मे है.. जो अब उन लोगो के पास होगा..."

"तो अब आगे का क्या..."

"फिलहाल तो आगे का पता नही... पर आज रात तो पैल्लोरा की हसीनाओ का रसपान करेंगे.. चल आजा और एक बात अपने छोटे से दिमाग़ मे गांठ बाँध लो.. पैल्लोरा की हसीनाओ को बड़े केले वाले आदमी पसंद है, यदि उन्हें तेरा केला पसंद नही आया तो वो उसे काटकर, भूनकर.. खा भी जाती है... इसलिए यदि तुझे लगे कि तेरा छोटा है तो.. बिल्कुल भी किसी महिला पर ट्रॉय मत मारना "बोलते हुए रॉन एक तरफ जाने लगा

"मेरा केला इतना बड़ा है की.. पुरे पैल्लोरा की हसीनाओ को उसपे लटका सकता हु..."

रॉन उस शराब के अड्डे से निकल कर एक दूसरे शराब के अड्डे मे घुसा और उसके पीछे पीछे आदित्य भी..  अंदर का माहौल कुछ ज्यादा ही रंगीन था. पैल्लोरा की खूबसूरत लड़किया... पूर्ण नग्न अवस्था मे शराब के नशे मे धुत्त नाच रही थी और कुछ लोग उन नग्न कन्याओं पर अपने पैसे के ख़रीदे हुए शराब की बोतल उडेल रहे थे...  उस लड़कियों के नंगे शरीर मे पडती शराब की बूँदे देख आदित्य का मन मचल उठा...

"क्या नजारा है... यदि इस संसार मे कही जन्नत है तो वो यही है... लगता है अभी किसी को पकड़ के पेल दू..."आदित्य बोला.

"ये यहाँ की संस्कृति है.. ऐसे नंगे होकर नाचना... जा ऐश कर और सुबह किनारे पर मिलना..."

रॉन, आदित्य को वहा छोड़.. उसी शराब के अड्डे मे अंदर बने कुछ कमरों की तरफ चल पड़ा, जहा अंदाजा लगाना मुश्किल नही था की उन कमरों के अंदर क्या हो रहा था. रॉन एक कमरे के बाहर जाकर खड़ा हो गया. उस कमरे के भीतर से एक लड़की की सिसकारिया रॉन के कानो मे पड़ रही थी.  जो कुछ देर बाद उस लड़की की चीख मे तब्दील हो गई... जो और थोड़े ही देर बाद शांत हो गई....

"सामने से हट बे..."रूम का दरवाजा खोल एक नंगे आदमी नें रॉन को धक्का दिया और बाहर चला गया... उसके पीछे पीछे कमरे से चार और आदमी निकले... वो सब भी निर्वस्त्र ही थे.
रॉन कमरे  के अंदर दाखिल हुआ और अंदर आते ही उसने दरवाजा धीरे से बंद कर दिया. बिस्तर पर एक 35-36 साल की एक औरत टाँग खोले हुए अपने शरीर को कपडे से पोछ रही थी.. जिसे कुछ ही देर पहले कमरे से नग्न अवस्था मे निकलने वाले उन 5 आदमियों ने भोगा था... वो ये काम आँख बंद करके कर रही थी... उसे अंदाजा भी नही था की कमरे मे रॉन मौज़ूद है..

"नामर्द कही के साले....  5-5 मिलकर भी प्यास नही बुझा पाए मेरी..."

"कैसी हो जानेमन... बहुत खुजली है तुझे..."

आवाज़ सुन टांग पसारे लेती हुई उस महिला की आँख खुली

"दी रॉन.. तुममम....? दी रॉन को आज यहाँ का रास्ता कैसे याद आ गया.. और खुजली तो बहुत हो रही है, लेकिन उसे मिटाने वाला कोई नही है..."रॉन को देख अपनी टांग उसने और खोल दी

"एकदम पक्की  रखैल बन गई है तु... शाबाश. ऐसे ही तरक्की करो.. आज 5 का एक साथ ले रही हो. कल 50 का लो, यही दुआ है मेरी..."बिस्तर मे बैठ उसके सीने पर हाथ रख कर रॉन नें कहा "पिछली बार काफ़ी छोटे थे ये.. अब देखो.. एकदम पक गए है "

"इनका रस पियोगे..."

"लेकिन मै अपने कपडे नही उतरूंगा, मंजूर है तो बोल.. वरना ऐसे ही तड़पते रह .. "

रॉन का इतना बोलना था की उस औरत नें रॉन को पकड़ कर बिस्तर पर खींच लिया और रॉन को चूमने लगी..

"लगता है बहुत दिनों से तेरी भट्टी दहक रही है.. किसी नें पानी गिराकर आग नहीं बुझायी तेरी दहकती भट्टी कि आग को.. आज मै करें देता हु..."

रॉन नें उस औरत को पलटाया और उसके पीछे के अंगों पर हाथ फिराते हुए मसलने लगा... वो औरत मदहोशी से मचल उठी और थोड़ा बिस्तर मे उछल गई.... कुछ देर ऐसे ही करने के बाद रॉन नें उसके पैरो को  फैलाया और निशाना लगाकर काम शुरू कर दिया

"आहहहहह... मेरे शिकारी.. ऐसे ही... ऐसे ही... उईई... हाँ.... ऐसे ही..."

बहुत देर तक रॉन इसी स्तिथि मे अपना कार्य करता रहा और फिर अचानक से वो औरत थोड़ा आगे खिसक गई और घूम कर अपना मुँह रॉन के कमर के पास ले गई और देखते -ही देखते गप्प से अपने मुँह से रॉन को और उत्तेजित करने लगी .. जिसके थोड़ी देर बाद वो फिर घूम गई और रॉन फिर से अपने कार्यक्रम मे मस्त मगन हो गया.

उधर आदित्य भी ऐसे ही किसी कार्यक्रम की तलाश मे था लेकिन अभी तक उसके हाथ सिर्फ मायूसी  ही आयी थी.. अभी तक उसका केला किसी नें छील कर खाने की कोशिश नही की थी.

"ये रॉन कहा मर गया, मुझे यहाँ छोड़कर.. काश कोई मिल जाए... थक चुका हूँ मैं... दूर -दूर से देख देख कर पक चुका हूँ मै..... कोई तो मिल जाए.. इतने दिन से समुन्दर मे हिला हिला कर थक गया हु... "

लार टपकाटे हुए आदित्य वही नग्न नाचती हुई औरतों को बस ताकता रहा.. इस उम्मीद मे कि अब कोई उसके पास आएगी,  कि अब कोई उसके साथ रास -लीला रचाने मे अपनी इच्छा व्यक्त करेगी... लेकिन ऐसा नहीं हुआ और हारकर आदित्य नें एक खाली शराब की बोतल ली, उसमे पानी भरा.. क्यूंकि शराब खरीदने के लिए उसके पास पैसे नही थे और नंगी नाच रही लड़किगो पर शराब उउड़ेलने वाले दल मे शामिल हो गया... ये सोचकर.. की इसी बहाने कुछ छूने या दबाने को तो मिलेगा... आदित्य नें नग्न नाच रही एक लड़की को पकड़कर उसके सीने मे बोतल मे भरा पानी उड़ेलने लगा  और उसके सीने पर अपना हाथ फिरा दिया . आदित्य के ऐसा करते ही वो लड़की तुरंत पीछे हट गई और अजीब से भाषा मे आदित्य की तरफ इशारा करके चिल्लाने लगी...

"इसको क्या हुआ.. शायद दम लगा कर नही दबाया इसीलिए... और कसकर दबाता तो खुश हो जाती "

वो लड़की अभी भी आदित्य के तरफ इशारा करके चिल्ला रही थी. धीरे धीरे उस लड़की की आवाज़ पुरे जश्न को ठंडा करने लगी. सब शांत होने लगे और जब सब शांत हो गए तो एक भरी भरकम 7 फ़ीट ऊँचा एक मोटा काला, गंजा आदमी उस लड़की के पास आया और उस लड़की से अपनी भाषा मे बात चीत करने लगा. वो मोटा आदमी और वो लड़की जिसका आदित्य नें अभी दबाया था.. वो दोनों बहुत देर तक एक दूसरे से बात करते रहे. फिर उस लम्बे भारी भरकम भयंकर काले आदमी नें अपने हाथ मे पकडे हुए एक मांश के टुकड़े को आदित्य की तरफ देख कर हड्डी समेत चबाने लगा...

"Hu hu... Dasg di fcyua..."उस लम्बे काले गँजे आदमी नें आदित्य से कहा...

आदित्य नें सोचा की शायद ये पूछ रहा है की मै, उस लड़की की लूंगा या नही...

"बिलकुल.. इसीलिए तो मैने इसकी छातियों को दबा कर सिग्नल भी दिया.."अपना सर ख़ुशी से हाँ मे हिलाते हुए आदित्य बोला

आदित्य नें हाथ से उस लड़की के सीने की तरफ इशारा करके भी बताया की उसने कैसे कुछ देर पहले उस लड़की की छातियों को दबाया था... उस मोटे शख्स नें जैसे ही आदित्य को ये इशारे करते हुए देखा..उसने मांस के टुकड़े को एक तरफ फेक आदित्य की गर्दन दबोच ली...

"अबे साले... दानव.. ये मेरी गर्दन है.. टूट जाएगी... चल छोड़.."आदित्य घुटी हुई आवाज़ मे बोला...

उस 7 फुट लम्बे आदमी नें आदित्य की गर्दन पकड़ कर उसे बड़ी आसानी से एक ओर उछाल दिया.

"अबे रॉन.... इस भैंसे  से बचा... रॉनननननन..."आदित्य चिल्लाया...

इधर रॉन उस कमरे मे उस औरत की मार रहा था. उसके कानो मे आदित्य की आवाज़ सुनाई पड़ी. लेकिन उसने उसे अनसुना कर दिया और अपने धक्को की गति और तेज कर दी...

"अबे... रोननननननननननननन... बचा बे..."आदित्य फिर गला फाड़कर चिल्लाया...

"इसकी मारने मे ज्यादा मजा है.. पहले इसकी मार लू.. फिर जो तेरी मार रहा है उसकी मारता हु.."रॉन बड़बड़ाया.. और उस औरत की कमर को अपने हाथो से कसकर पकड़ कर अपनी गति और तेज कर दी..

इतनी तेज की वो उस औरत के साथ साथ.. जिस बिस्तर पर वो थे... वो भी बुरी तरह हिलने लगी... और वो औरत, दर्द के कारण रॉन को रुकने के लिए कहने लगी.. लेकिन रॉन नही रुका.. बल्कि उसने अपनी गति और बढ़ा दी..

इधर उस भैंसे नें आदित्य को अपनी कांख मे दबा रखा था और गला घोंटकर आदित्य की जान लेने पे तुला था. तभी रॉन का काम तमाम हुआ और वो भागते हुए वहा पंहुचा, जहा उसने आदित्य को छोड़ा था...

"इसीलिए मै कपडे नही उतारता... बहुत दूरदर्शी हूँ मै.."वहा पहुंचते हुए रॉन बड़बड़ाया

"रॉन भैय्या.. इधर..."आदित्य, रॉन को देखकर बस इतना बोल पाया.

रॉन नें वहा देखा की ना तो अब कोई लड़की नाच रही थी और ना ही अब कोई उन लड़कियों पर शराब उड़ेल रहा था, ये देखकर रॉन को बहुत बुरा लगा... और उसने बुरा सा मुँह बना कर बोला..

"सब इतने शांत क्यों हो... दारू ख़त्म हो गई क्या...?"

"इधर देख ले भाई... इस गेंडे नें मार के रख दी है मेरी.. "

"ओह तेरी.. कप्तान आदि... तुम दोनों प्यार कर रहे क्या..."वहा पड़ी एक बोतल उठाते हुए रॉन बोला, उसमे थोड़ी सी शराब अब भी बची थी... जिसे रॉन पीते हुए आदित्य की तरफ बढ़ा

"अबे गेंडे, वो मांस का टुकड़ा नही है... जिन्दा इंसान  है... छोड़ उसे..."

"Ku jhol sa fasn.."उस गेंडे नें रॉन को अपने करीब आता देख गुर्राया

"अबे लगता है तेरी किसी ने मार -मार के तेरे पिछवाड़े मे दो छेद कर दिया है.. छोड़ उसे वरना.. तुझे.. तुझे..."रॉन अभी बोल ही रहा था की उस मोटे शख्स नें आदित्य को छोड़ रॉन की गर्दन दबोच ली...

"अबेयय.. इसे... कोई... जमाल... घोटा... पिलाओ...."रॉन नें अपना था पीछे करके अपने पीठ मे बँधी तलवार खीची और उस तलवार को उस गेंडे कर पेट मे गड़ाने लगा...

रॉन नें सोचा था की तलवार का स्पर्श पाकर ही वो गेंडा उसे छोड़ देगा, लेकिन उसे तो कोई असर ही नही हुआ... इसपर रॉन नें अपनी तलवार पर और जोर डाला और तब तक जोर डालता गया जब तक उस गेंडे नें रॉन को छोड़ नही दिया...
उस गेंडे की गिरफ्त से छूटते ही रॉन वहा से भागा और उसके पीछे पीछे आदित्य. वो दोनों भागते रहे.. और बहुत देर बाद जब दोनों अंधा -धुंद भागते रहे तो रॉन नें आदित्य को रुकने के लिए कहा...

"तूने ऐसा क्या किया था, जो वो गेंडा तेरी जान का दुश्मन बन गया था..."

"मैने तो केवल एक नंगी नाच रही लड़की का दबाया था..."

"तब तो शुकर मना की जान बच गई, पैल्लोरा मे खुले मे किसी लड़की का दबाना सबसे संगीन अपराध है.."

"अब मुझे क्या मालूम..."

"अब समुद्री किनारे पर रात गुजारनी पड़ेगी...तेरी वजह से खाना भी नही मिलेगा अब.. उनमे से किसी नें पहचान लिया तो जिन्दा जलती हुई भट्टी मे डाल देंगे...वो अलग "

"सॉरी..."

"समुन्दर से मछली तु पकड़ कर लाएगा.."

"पागल है क्या.. इतनी रात मे मै समुन्दर मे नही घुसने वाला.. जब से उन आग उगलने वाले जानवरो को देखा हु..  डर सा लगने लगा है, समुन्दर से...कही मुझे निगल ना ले.."

"समुन्दर भूखा नही है बे.. उसका पेट तो हमेशा भरा रहता है..."

ऐसी ही बात करते करते... वो दोनों किनारे तक आ गऐ. रात मे चाँद की चांदनी पड़ने से किनारा बहुत मनमोहक लग रहा था...

"यहाँ बहुत ठण्ड है.. सुबह तक अकड़ कर लकड़ी बन जायेंगे.."

"रिया बहुत खुश हो रही होगी.. मेरी हालत पर... चल सो जा..."रॉन एक जगह झाड़िया बिछाते हुए बोला "और आसमान की तरफ मुँह करके सोना.. सपने मे ड्रैगन नही आएंगे... और यदि आएंगे भी तो वो ड्रैगन धारक~Dragon Holder नहीं आएगा..."

"ड्रैगन तो देख लिया.. मानव ड्रैगन भी देख लिया, साला वो कल्लू मॉर्गन .. पर ये ड्रैगन धारक क्या बला है...???"

"इन सबका बाप... जिसका आधा शरीर ड्रैगन का रहता है और आधा मानव का... जो दिखेगा तो एक मानव कि तरह, पर उसकी चमड़ी ड्रैगन्स कि होगी और दाँत बाहर निकले हुए... आखिरी बार जब उसे देखा गया था तो वो मार्टिन के खिलाफ था और वही एक वजह था.. जिसकी वजह से महान समुद्री सम्राट मार्टिन का पतन हुआ... "

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8TH SEMESTER ! (Read ~इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स पर आधारित एक रोमांचक वेब सीरीज 😎)


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5 Comments

Fauzi kashaf

02-Dec-2021 11:29 AM

Good

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Zaifi khan

30-Nov-2021 06:56 PM

V good

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Ammar khan

30-Nov-2021 12:06 PM

Good

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